जब्त गायों की अदला-बदली में पुलिस-प्रशासन की मिली-भगत
-मेखलीगंज पंचायत समिति ने गायों की अदला-बदली के खिलाफ बीडीओ को सौंपा ज्ञापन -पुलिस व प्रश्
-मेखलीगंज पंचायत समिति ने गायों की अदला-बदली के खिलाफ बीडीओ को सौंपा ज्ञापन
-पुलिस व प्रशासन पैसे लेकर करते गायों की अदला-बदली
संवाद सूत्र, चेंगड़बांधा : भारत-बांग्लादेश के सीमावर्ती क्षेत्र से रोजाना सैकड़ों गाय तस्करी से बचायी जाती है। बीएसएफ के जवान जब्त गायों को स्थानीय पुलिस को सौंप देती है। लेकिन बाद में जब्त गाय को बदल दिया जाता है। बड़ी-बड़ी गाय छोटी गाय में तब्दील कर दिया जाता है। यह आरोप तृणमूल परिचालित मेखलीगंज पंचायत समिति के प्राणी व मत्स्य विभाग के कर्माध्यक्ष बाबुल हुसैन ने लगाया है। इसे लेकर उन्होंने बीडीओ यूडेन भुटिया को ज्ञापन सौंपा। उसकी प्रति कॉपी जिला प्रशासन व राज्य के राजस्व विभाग को भी भेजी गयी है। कूचलीबाड़ी में जब्त गायों को निलाम किया जाता है, इससे सरकार को राजस्व प्राप्त होता है। लेकिन जब्त गाय ऊंची नस्ल और कीमती होती है। उसके बदले बीमार गाय रख दी जाती है। इसका बाजार मूल्य कम होता है। इससे राजस्व विभाग को घाटा होता है। कुचलीबाड़ी इलाका गाय तस्करी का मुख्य केंद्र बन गया है। यहां से गायों को बांग्लादेश में तस्करी की जाती है। तस्करी में पुलिस का भी सहयोग रहता है।
पंचायत समिति की सभापति नियति सरकार ने बताया कि हमारे प्राणी संपदा विभाग के कर्माध्यक्ष ने जांच करते हुए पाया कि गायों की अदला-बदली हो रही है। इसमें पुलिस प्रशासन मिले हुए है। इसकी जांच होनी चाहिए। वहीं विद्युत विभाग के कर्माध्यक्ष बापी चक्रवर्ती ने बताया कि यह नई बात नहीं है।
कूचलीबाड़ी व मेखलीगंज थाना पुलिस न बताया कि आरोप बेबुनियाद है। बीएसएफ द्वारा जो गाय हमें दी जाती है, सबका मार्क रहता है।
मेखलीगंज के बीडीओ यूडेन भुटिया ने बताया कि गायों की अदला-बदली को लेकर शिकायत मिली है। प्रशासन की ओर से इसकी जांच की जाएगी।
कैप्शन : निलामी के लिए रखी गाय