चेंगड़ाबांधा सीमा से पासपोर्ट यात्रियों के प्रवेश की मिली हरी झंडी
- पर्यटकों एवं आम यात्रियों के प्रवेश को लेकर लगी रहेगी पाबंदी - व्यवसाय से जुड़े लोग व वि
- पर्यटकों एवं आम यात्रियों के प्रवेश को लेकर लगी रहेगी पाबंदी
- व्यवसाय से जुड़े लोग व विद्यार्थी की आवाजाही होगी
- प्रवेश करने के लिए कोविड-19 का निगेटिव रिपोर्ट रखना अनिवार्य होगा
संवादसूत्र, चेंगड़ाबांधा : कोरोना संक्रमण को लेकर पिछले आठ महीनों से बंद कूचबिहार जिले के चेंगड़ाबांधा इमिग्रेशन चेकपोस्ट पर पासपोर्टधारी यात्रियों के प्रवेश के लिए हरी झंडी मिल गई है। इमिग्रेशन चेकपोस्ट व प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार बुधवार से इस चेकपोस्ट को खोलने की अनुमति उच्च प्रबंधन की ओर से मिल गई है। चेकपोस्ट खुलने के बाद अब यात्री बांग्लादेश में आवाजाही कर सकते है। वर्तमान में केवल भारत, नेपाल व भूटान तीन देशों के नागरिकों के स्टूडेंट वीजा एवं बिजनेश भिसर की अनुमति आ पहुंची है। इन तीन देशों के बच्चे बांग्लादेश में पढ़ाई लिखाई करते है। इन तीन देशों के व्यवसायी व्यापार के काम से बांग्लादेश जा सकते है और काम खत्म होने के बाद वापस आ सकते है। पर्यटन एवं आम यात्रियों के प्रवेश के लिए अभी अनुमति नहीं मिली है। बाद में आदेश मिलने पर यात्रियों की आवाजाही होगी। अब बांग्लादेश के कोई भी यात्री नए सीरे से चेकपोस्ट से भारत नहीं आ सकते है। जो पासपोर्ट धारी व्यक्ति सफर करेगा, उसके पास कोविड टेस्ट का प्रमाणपत्र अनिवार्य होगा। जिसमें टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव लिखा होगा। इधर चेकपोस्ट पर इस प्रकार के आदेश आने के बाद मुद्रा विनिमय व्यवसायी, आयात-निर्यात से जुड़े लोग काफी खुश है।
चेंगड़ाबांधा सीमांत मुद्रा विनिमय के व्यवसायी विश्वजीत साहा ने कहा कि आखिरकार चेकपोस्ट होकर पासपोर्टधारी यात्रियों के प्रवेश के लिए आदेश यहां आ पहुंचा है। यह हमलोगों के लिए खुशी की खबर है।
गौरतलब है कि इस चेकपोस्ट पर फिर से यात्रियों के आवाजाही चालू करने को लेकर कई सप्ताह पहले विदेश मंत्रालय से एक संदेश यहां आ पहुंचा था। लेकिन अंतिम समय पर अनुमति नहीं मिलने पर इसे चालू नहीं किया गया था। हालांकि इस मामले में स्थानीय किसी अधिकारियों ने किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। इस दिन सीमा खुल जान से काम से संबंधित लोग जमा हुए। लोगों का कहना है कि कई महीने से यह चेकपोस्ट बंद होने से लोग काफी समस्याओं के बीच अपना दिन गुजार रहे थे।