पकड़े गए मवेशियों को किया जा रहा स्वयं सेवी संगठनों के हवाले
- बीएसएफ का दावा सीमा पर मवेशी तस्करी में आई काफी कमी - मेखलीगंज सीमा पर मवेशियों की
- बीएसएफ का दावा, सीमा पर मवेशी तस्करी में आई काफी कमी
- मेखलीगंज सीमा पर मवेशियों की तस्करी करने वाले तस्करों की कमर टूटी
- पहले स्थानीय पुलिस के हवाले मवेशियों के करने होती थी फिर से हेराफेरा
संवादसूत्र, चेंगड़ाबांधा : स्वयं सेवी संस्था के हाथों में तस्करी हुए मवेशी जाने के बाद से कूचबिहार जिले के मेखलीगंज ब्लाक के बांग्लादेश सीमा के विभिन्न इलाकों में मवेशी तस्करी में काफी हद तक कमी आई है। बीएसएफ का दावा है कि बांग्लादेश में मवेशी तस्करी की घटना में कमी हुई है।
बीएसएफ सूत्रों के अनुसार कई महीने पहले सीमा से अगर किसी मवेशी को तस्करी होने से पहले पकड़ा जाता था, तो उस मवेशी को स्थानीय पुलिस के हाथों सुपुर्द किया जाता था। उसके बाद मवेशी की निलामी होती थी। इससे पहले सीमा शुल्क विभाग के द्वारा निलाम किया जाता था। लेकिन वर्तमान में इस नियम में काफी बदलाव आया है। अर्थात बीएसएफ की ओर से पकड़े गए मवेशियों की निलामी बंद हो गई है। दक्षिण बंगाल के विभिन्न भारत-बांग्लादेश सीमा पर चलने वाले नियम को इस सीमा पर भी लागू किया गया है। इस घटना के बाद मवेशियों तस्करों के मनसूबों पर पूरी तरह से पानी फिर गया है। इससे पहले बीएसएफ को कई बार सूचना मिलती थी, कि यहां से बरामद की गई मवेशियों को फिर से फेरबदल कर उसे बांग्लादेश में भेज दिया जाता था। ऐसे में मवेशियों की तस्करी होने व पकड़ने पर भी उससे जुड़े लोगों को अधिक नुकसान नहीं होता था।
लेकिन कुछ समय से बीएसएफ मवेशियों को पकड़कर उसे स्वयं सेवी संगठन के हवाले कर दे रहे है। जिसके बाद से तस्करों की मनसूबों पर पानी फिर गया है। मवेशी के पकड़े जाने से गाय के मालिकों को नुकसान हो रहा है।
गौरतलब है कि मेखलीगंज ब्लाक के कुचलीबाड़ी, बागडोकरा-फुलकाडाबरी, तीनबीघा, निजतरफ, भोटबाड़ी, चेंगड़ाबांधा सहित सीमांत इलाकों से पिछले एक महीने में बीएसएफ ने पांच सौ से अधिक गायों को पकड़कर स्वयं सेवी संगठन के हवाले कर दिया है। मेखलीगंज सीमा पर 143, 45 एवं 148 नंबर बटालियन तैनात है। ये बीएसएफ जलपाईगुड़ी सेक्टर के अधीन है। फालाकाटा सेक्टर के अधीन 140 नंबर बटालियन का पहरा है। इसका सीमाना मेखलीगंज, डोराडाबूरी, जमालदह, रतनपुर आता है। मेखलीगंज में अक्सर मवेशी तस्करी की घटना की सूचना केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास पहुचती रहती थी। इसके बाद मवेशी तस्करी को बंद करने के लिए यह पहल किया गया है। मवेशी तस्करी एवं तस्करों के गिरोह में इसे लेकर काफी क्षोभ है। वही बीएसएफ के इस पहल से सीमावर्ती लोग काफी खुश है। लोगों ने सीमा पर कांटा तार बेड़ा लगाने की मांग की है।
इस बारे में बीएसएसएफ के उत्तर बंगाल डीआईजी आर आर शर्मा ने कहा कि मेखलीगंज सीमा से बीएसएफ जवानों जो मवेशी को जब्त किया है। उन मवेशियों को स्वयं सेवी संस्था के हवाले किया जा रहा है। मवेशी तस्करी को बंद करने के लिए बीएसएफ पूरी तरह से सक्रिय है।