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भूमिगत खदानों को बंद करने का दबाव बना रहा मंत्रालय

फोटो नंबर 16 ::मांगों को लेकर यूटीयूसी ने किया ईसीएल मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन :कर्मियो

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 06:37 PM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 06:37 PM (IST)
भूमिगत खदानों को बंद करने का दबाव बना रहा मंत्रालय

फोटो नंबर 16

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::मांगों को लेकर यूटीयूसी ने किया ईसीएल मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन

:कर्मियों के आवासों की मरम्मत में चल रही लूट बंद हो

संवाद सहयोगी,

सांकतोड़िया : सांकतोड़िया स्थित ईसीएल मुख्यालय के समक्ष सोमवार को वेस्ट बंगाल खान मजदूर संघ (यूटीयूसी) के बैनर तले 12 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान यूनियन के केंद्रीय महासचिव अशोक घोष ने कहाकि केंद्र सरकार कोल इंडिया को निजीकरण की ओर धकेल रही है, जिसके कारण कोल इंडिया का अस्तित्व खतरे में है। कोल इंडिया को इस संकट से निकालने के लिए सभी कोयला मजदूरों को एक होकर लड़ाई लड़ना होगा, तभी कोल इंडिया का अस्तित्व बचेगा । उन्होंने कहा कि कोयला मंत्रालय कोल इंडिया पर घाटे में चल रही सभी भूमिगत खदानों को बंद करने का दबाव बना रहा है। इनकी सूची में ईसीएल की भी 16 खदानों के नाम शामिल है। पूरे कोल इंडिया में ईसीएल का कोयला उच्च गुणवत्ता का है । इसके बावजूद भी प्रबंधन घाटा दिखाकर खदानों को बंद करने पर तुला हुआ है। कई खदानें वर्क ऑफ सस्पेंशन के नाम पर बंद कर दी गई हैं। कोयला मंत्रालय को किसी भी कीमत पर मनमानी नहीं करने देंगे। उन्होंने कहा कि कोयला मजदूरों के सीएमपीएफ खाता से जरूरत पड़ने पर कोयला मजदूरों को लोन देने का प्रावधान होना चाहिए। ताकि आवश्यकता पड़ने पर कोई भी मजदूर ऋण ले सके। किसी श्रमिक की मौत के बाद प्रबंधन आश्रितों को परेशान न कर उन्हें अविलंब नौकरी प्रदान करे। खदानों में समुचित सुरक्षा उपलब्ध करायी जाए। ईसीएल की विभिन्न कोलियरी की डिस्पेंसरी में समुचित दवा उपलब्ध हो, जिससे कोयला कर्मियों को सुविधा हो। कोयला कर्मियों के आवासों की मरम्मत के नाम पर चल रही लूट को बंद किया जाए। अभी तक आवास मरम्मत का काम पूरा नहीं हो पाया है, जबकि वर्ष 2018 भी समाप्त होने को है। केंद्र सरकार ने एक बार फिर कोल इंडिया का 15 प्रतिशत शेयर बिक्री करने का निर्णय लिया था। परंतु श्रम संगठनों द्वारा विरोध किए जाने पर सरकार को पीछे हटना पड़ा । इस दौरान वेस्ट बंगाल खान मजदूर संघ के रोहित कुमार तांती, राजेश शर्मा, रामाशीष ¨सह, बजरंगी प्रसाद, राजदयाल मिर्धा आदि मौजूद थे ।


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