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परेश मरांडी की हत्याकांड की सच्चाई तक पहुंची पुलिस

संवाद सहयोगी सांकतोड़िया सांकतोड़िया फांड़ी क्षेत्र के शीतलपुर बांधनामो गांव के निवासी प

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 11:21 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 11:21 PM (IST)
परेश मरांडी की हत्याकांड की सच्चाई तक पहुंची पुलिस

संवाद सहयोगी, सांकतोड़िया : सांकतोड़िया फांड़ी क्षेत्र के शीतलपुर बांधनामो गांव के निवासी पूर्व ईसीएल कर्मी परेश मरांडी हत्याकांड मामले में पुलिस ने निर्धारित 24 घंटे के अंदर हत्या मामले का खुलासा कर दिया। पुलिस ने जब उसकी पत्नी मंगली मरांडी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने सब उगल दिया। हत्या के लिए मंगली के कहने पर उसकी बेटी के दोस्त राधा नगर निवासी विक्की नोनिया और उसके दो दोस्त संदीप नोनिया व विशाल पासवान ने मिलकर एक अन्य की मदद से घटना को अंजाम दिया था।

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उल्लेखनीय है कि परेश मरांडी की हत्या बुधवार की सुबह शीतलपुर के करीब तुलसीहीड़ के पास फांके में स्थित एक झोपड़ी में कर दी गई थी। मृतक ईसीएल के शीतलपुर स्थित गेस्ट हाउस में कार्य करता था। लेकिन किसी कारण वश ईसीएल ने उसे कुछ वर्षों पूर्व बर्खास्त कर दिया था।

इस दौरान पुलिस ने मृतक की पत्नी सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार को पुलिस आरोपियों को अदालत में चालान किया और रिमांड पर लेने की अपील की। परेश मरांडी बीते 5 वर्षों से वह अपनी पत्नी के साथ नहीं रहता था।

उसकी मौत के बाद बुधवार को आदिवासियों ने सड़क जाम कर आरोपियों की जल्दी गिरफ्तारी की मांग की थी। मंगली आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रही थी। उसने पुलिस को बताया कि उसने अपनी समस्या अपनी बेटी के दोस्त बिक्की को बताई इसके उपरांत उसकी हत्या की साजिश रची गई। परेश की मौत के बाद ईसीएल से पैसे मिलेंगे और नौकरी भी मिलने की संभावना थी। हत्या की साजिश में विक्की और उसके दो दोस्त जुड़ गए। बिहार से शूटर मंगवाया गया। बुधवार को घटना को अंजाम दिया गया। इस घटना के लिए शूटर को ढाई लाख रुपए दिए गए। जबकि एडवांस के तौर पर 20 हजार रुपए दिए गए।

इस संबंध में आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के डीसीपी वेस्ट अभिषेक मोदी ने बताया कि मंगली मरांडी की पुत्री समिता मरांडी का दोस्त विक्की नोनिया से समस्या समाधान की बात की। उसने अपने दोस्त संदीप नोनिया से बातचीत की। उसने शीतलपुर निवासी अपने दोस्त विशाल पासवान से बातचीत की। जिसने अपने दोस्त बिहार के मुंगेर निवासी हिमांशु पासवान से सम्पर्क किया। वह ट्रेन से यहां पहुंचा और संदीप नोनिया के घर ठहरा। दो तीन दिन तक रेकी की। 19 जनवरी की सुबह मंगली ने सूचना दी कि वह उस दुकान में बैठा है। हिमांशु और संदीप वहां गए और कार्य कर वह भाग गए। इस दौरान उनकी मदद के लिए खड़े विशाल पासवान अपने दोपहिया से उन्हें लेकर भाग निकला। इस दौरान हिमांशु भाग निकला। अभिषेक मोदी ने बताया कि हिमांशु को अभी नहीं पकड़ा गया है। कोशिश जारी है। इधर एडवांस के रूप में दिए गए 20 हजार रुपए की भी बरामदगी नहीं हो पाई है।


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