मांग को लेकर फिर अनशन पर बैठी मंगली
संवाद सहयोगी सांकतोड़िया जमीन के बदले नौकरी और क्षतिपूर्ति की मांग पर दुबेश्वरी गांव नि
संवाद सहयोगी, सांकतोड़िया : जमीन के बदले नौकरी और क्षतिपूर्ति की मांग पर दुबेश्वरी गांव निवासी मंगली मांडी बुधवार सुबह पारबेलिया कोलियरी इंक्लाइन पर 11 वीं बार आमरण अनशन पर बैठ गई। हालांकि बाद में नितुरिया पुलिस तथा नितुरिया पंचायत समिति के उपाध्यक्ष द्वारा गुरुवार को नितुरिया ब्लॉक कार्यालय में बैठक करने के आश्वासन पर मंगली ने एक बार फिर अपना आंदोलन समाप्त कर दिया।
आमरण अनशन पर बैठी मंगली ने कहा कि 15 दिनों में मसले के समाधान का आश्वासन दिया गया था। हमने जमीन के कागजात जमा करवा दिए थे। लेकिन 15 दिन के बाद अब वह स्वतंत्र है। इस बार मैं अनशन से नही उठूंगी। उसने कहा कि एरिया से कोई सुरक्षा विभाग का व्यक्ति आया था जो तीन दिन का और समय मांग रहा था। मैंने कह दिया अब और समय नहीं दे सकती। हालांकि बाद में नितुरिया पुलिस के हस्तक्षेप से अनशन समाप्त कर दिया। इस विषय में नितुरिया पंचायत समिति के उपाध्यक्ष शांति भूषण प्रसाद यादव ने कहा कि इस मामले में गुरुवार को नितुरिया ब्लॉक कार्यालय में बैठक आयोजित की गई है। जिसमें ईसीएल प्रबंधन की ओर से 5 लोग, मंगली मांडी की ओर से 3 लोग, रघुनाथपुर अनुमंडलाधिकारी दिव्या मुरुगेशन, नितुरिया के बीडीओ तथा पंचायत समिति के उपाध्यक्ष स्वयं शांतिभूषण प्रसाद यादव उपस्थित रहेंगे।
विदित हो कि दुबेश्वरी खुली खदान के लिए दुबेश्वरी गांव निवासी मंगली मांडी से ईसीएल ने वर्ष 2005 में जमीन ली थी। मंगली का आरोप है कि उसने 2 एकड़ 46 डिसमिल जमीन दी है। पर कंपनी ने कम जमीन बताकर अब तक नौकरी नहीं दी। जमीन के बदले नौकरी की मांग पर कई बार भूख हड़ताल कर चुकी मंगली का कहना है कि अब उससे कहा जा रहा है कि उस समय जमीन के बदले नौकरी का कोई नियम ही नहीं था। इससे मंगली 1 जून को कोलियरी इंक्लाइन के पास धरने पर बैठ गई थी।