आसनसोल उत्सव में लोपामुद्रा के गीतों पर झूमे लोग
आसनसोल उत्सव में तीसरे दिन प्रसिद्ध गायिका लोपामुद्रा ने अपनी सुरीली आवाज में सुमधुर गीत प्रस्तुत कर लोगों को झूमने पर विवश कर दिया।
आसनसोल: आसनसोल उत्सव में तीसरे दिन प्रसिद्ध गायिका लोपामुद्रा ने अपनी सुरीली आवाज में सुमधुर गीत प्रस्तुत कर लोगों को झूमने पर विवश कर दिया। रविवार शाम को उत्सव में लोपामुद्रा को आसनसोल-दुर्गापुर विकास प्राधिकरण के चेयरमैन तापस बनर्जी एवं समाजसेविका सुदेष्णा घटक ने सम्मानित किया। इसके बाद गीत-संगीत का दौर देर रात तक चला। लोपामुद्रा ने तोमाय हृदय माझेर राखबो.., बांग्ला आमार सोरसे इलिश.. जैसे गीतों की प्रस्तुति दी। गायिका लोपामुद्रा ने कहा कि वह गीतों को अलग हटकर गाती हैं। मनुष्य के हर दिन की भाग दौड़ वाली जिदगी को उन्होंने बखूबी गायिका में उतारते हुए लोकगीत की परंपरा को कायम रखा है। उन्होंने कहा कि मैं आठ साल की उम्र से गाने गा रही हूं। घर में बचपन से ही संगीत का माहौल मिला। परिवार के सदस्य भी गायिकी से जुडे़ हैं। संगीत ही मेरा जीवन है। मैने करीबन 30 साल की उम्र तक केवल रियाज किया और मेरे करीबन 40 एलबम रिलीज हो चुके हैं। मैंने असमिया में भी गाया है। हिदी सीखकर गाने में रुचि जरूर रखती हूं। मेरा मानना है कि हर कोई बॉलीवुड में चला जाएगा तो लोकगीत कौन गाएगा। मौके पर उत्सव कमेटी के सचिव अभिजीत घटक, अनिर्बाण दास, पार्षद श्रावणी मंडल, पूर्व पार्षद सुवर्णा राय, अजय प्रसाद आदि मौजूद थे।