आसनसोल में जर्जर भवन ढहा, अफरातफरी
बरसात के मौसम में जर्जर इमारतों के ढहने और दुर्घटना की आशंका बढ़ गयी है। शुक्रवार को आसनसोल नगरनिगम के वार्ड संख्या 46 के आसनसोल बाजार स्थित टीपी मार्केट के पास वर्षों पुराने जर्जर भवन का हिस्सा ढह गया।
जागरण संवाददाता, आसनसोल : बरसात के मौसम में जर्जर इमारतों के ढहने और दुर्घटना की आशंका बढ़ गयी है। शुक्रवार को आसनसोल नगरनिगम के वार्ड संख्या 46 के आसनसोल बाजार स्थित टीपी मार्केट के पास वर्षों पुराने जर्जर भवन का हिस्सा ढह गया। इससे व्यवसायियों में अफरातफरी मच गयी। हालांकि इस हादसे में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ। लेकिन इस घटना के बाद से विभिन्न हिस्सों में स्थित जर्जर भवनों को लेकर चिता बढ़ गयी है।
दुकानदारों ने बताया कि टीपी मार्केट के निकट खेल सामग्री की दुकान है। इसका भवन काफी पुराना है। इसके ऊपरी तल का एक हिस्सा अचानक ढह गया। उसका मलबा गिरकर नीचे आ गया। दुकान किराये पर है। आसपास के कई भवन भी इसी स्थिति में है। इसके साथ ही यहां फुटपाथ पर दुकान लगानेवाले हॉकरों ने इन जर्जर भवनों पर कील ठोंक कर रखी है। इसके सहारे वे लोग प्लास्टिक बांधते हैं। जिसके कारण खतरा और बढ़ गया है। वहीं इन भवनों को लेकर विवाद होने के कारण भवनों का नए सिरे से निर्माण नहीं हो पा रहा है। आसनसोल बाजार में इस तरह के जर्जर आवास की संख्या दर्जनों में है। जिसके ढहने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
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आसनसोल व रानीगंज में सबसे अधिक जर्जर भवन
सर्वाधिक 42 जर्जर भवन रानीगंज में चिह्नित किये गए हैं। आसनसोल बाजार में भी करीब दो दर्जन भवनों की पहचान की गई। कुल्टी इलाके में भी जर्जर भवनों की संख्या 30 के करीब है। अधीक्षण अभियंता सुकोमल मंडल ने कहा कि मेयर जितेंद्र तिवारी के निर्देश पर नगर निगम इलाके में जर्जर भवनों को चिह्नित किया गया है। बोरो स्तर पर मकान मालिकों को बुलाकर सुनवाई कराई जा रही है। उन लोगों को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देश दिया जा रहा है। इसमें देखा जा रहा है कि अधिकतर भवन के मालिकाना को लेकर विवाद है। इस कारण कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण कार्रवाई त्वरित नहीं हो पा रही है। शहर में जर्जर भवनों के ढहने के कारण कई घटनाएं हो चुकी है। कुछ दिनों पहले ही रानीगंज में जर्जर भवन ढहा था। आसनसोल बाजार में भी कई बार जर्जर भवन ढह चुके है। कुछ साल पहले तूफान के दौरान एक बहुमंजिला इमारत ढहने से कई लोगों की मौत भी हो गयी थी। रेलपार में भी एक भवन ढहा था।