डीएसपी में क्वार्टर लाइसेंस पर देने को मंथन
दुर्गापुर : सेल की इकाई दुर्गापुर इस्पात संयंत्र (डीएसपी) प्रबंधन भी अब अपने क्वार्टरों को फिर से ली
दुर्गापुर : सेल की इकाई दुर्गापुर इस्पात संयंत्र (डीएसपी) प्रबंधन भी अब अपने क्वार्टरों को फिर से लीज या लाइसेंस पर देने के लिए मंथन शुरू किया है। लेकिन कब से यह प्रक्रिया शुरू होगी, इस बारे में अब तक कोई कुछ कहने से इंकार कर रहा है। फिर से क्वार्टर लीज या लाइसेंस पर देने का संकेत श्रमिक संगठनों के साथ डीएसपी के सीईओ के साथ बैठक में आया है। लेकिन स्पष्ट रूप से प्रबंधन द्वारा कोई बात नहीं कहने से श्रमिक संगठन अब भी असमंजस में है। डीएसपी के खाली क्वार्टरों एवं जमीन को लीज या लाइसेंस पर देने की मांग को लेकर काफी समय से मांग हो रही है। सभी श्रमिक संगठन व सेवानिवृत्त कर्मियों के संगठन की ओर से भी कई बार आंदोलन किया गया था। शनिवार की संध्या डीएसपी के सीईओ एके रथ ने श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ क्वार्टर व जमीन मुद्दे को लेकर बैठक की। बैठक में सीटू, बीएमएस, इंटक, एटक समेत कई संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे। बैठक में सीईओ ने प्रोजेक्टर के माध्यम से डीएसपी टाउनशिप की वर्तमान स्थिति से अवगत करवाया एवं भविष्य के कदमों के बारे में भी बैठक की। सीटू नेता विश्वरूप बनर्जी ने कहा कि बैठक में टाउनशिप की वर्तमान की स्थिति से अवगत करवाया गया। भविष्य के बारे में भी प्रबंधन ने चर्चा की। प्रबंधन लीज या लाइसेंस देने की प्रक्रिया के बारे में खुल कर कुछ नहीं कह रहा है, इस कारण जब तक प्रक्रिया शुरू नहीं होती है तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता। क्योंकि हर समय डीएसपी का विचार बदलता भी रहता है। बीएमएस संबद्ध दुर्गापुर इस्पात कर्मचारी संघ के महासचिव अरूप राय ने कहा कि बैठक में सीईओ ने बकाया पुराने लीज व लाइसेंस प्रक्रिया में बकाया के बारे में जानकारी दी। हमलोगों ने श्रेणी एक और दो के क्वार्टर को लीज पर देने की मांग की है। प्रबंधन भी लीज के मुद्दे को लेकर मंथन कर रहा है। सीईओ ने श्रमिक संगठनों के साथ फिर बैठक कर आगे के कदमों की जानकारी देने की बात कही है। हालांकि टाउनशिप व अस्पताल के हालत में सुधार के लिए कहा है। इस संदर्भ में डीएसपी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी से संपर्क की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन रिसिव नहीं किया।
------------------------ अंतिम बार वर्ष 2015 में क्वार्टर का दिया गया था लाइसेंस : दुर्गापुर इस्पात संयंत्र प्रबंधन की ओर से क्वार्टरों को सेवानिवृत्त कर्मियों को लीज या लाइसेंस के आधार पर दिया गया है। यह प्रक्रिया पहली बार वर्ष 1999 में शुरू हुई थी। उसके बाद वर्ष 2008 में इस प्रक्रिया के तहत कर्मियों को क्वार्टर दिया गया था। उक्त दो बार में 2896 क्वार्टरों को लीज या लाइसेंस के तहत दिया गया था। उसके बाद वर्ष 2015 में यह प्रक्रिया हुई थी, जिसके तहत 913 क्वार्टरों को लाइसेंस या लीज पर दिया गया था।
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अब भी 471 क्वार्टर खाली : डीएसपी का कुल 19,141 क्वार्टर है। जिसमें 925 क्वार्टरों में अब भी सेवानिवृत्त कर्मी व उनके परिवार के लोग रहते है। वे डीएसपी द्वारा लीज या लाइसेंस प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है ताकि उन्हें वह क्वार्टर मिल जाए। जबकि गत वर्ष दिसंबर तक 471 क्वार्टर खाली पड़ा हुआ था। जिसमें बाहरी लोग निवास करते है, वे लोग अवैध ढंग से क्वार्टर में रहते है। जहां वे डीएसपी के पानी व बिजली का उपयोग करते है। जिसके कारण डीएसपी को नुकसान भी उठाना पड़ता है।
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डीएसपी के क्वार्टर व स्टॉल का 11 करोड़ रुपया बकाया : दुर्गापुर इस्पात संयंत्र बकाया का मार भी झेल रहा है। डीएसपी की ओर से क्वार्टर व स्टॉल लीज या लाइसेंस के तहत दुकानदारों या विभिन्न संगठनों को दिया गया है। जिसका गत वर्ष दिसंबर तक बकाया तकरीबन 11 करोड़ रुपया था। केवल डीएसपी के स्टॉल का बकाया उस अवधि में 10.62 करोड़ रुपया था।