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पश्चिम ब‌र्द्धमान जिले में पहले दिन 328 लोगों को लगा कोरोना का टीका

आसनसोल देश के विभिन्न राज्यों शहरों सहित पश्चिम ब‌र्द्धमान जिले में भी शनिवार को कुल छह कें

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 11:38 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 11:38 PM (IST)
पश्चिम ब‌र्द्धमान जिले में पहले दिन 328 लोगों को लगा कोरोना का टीका
पश्चिम ब‌र्द्धमान जिले में पहले दिन 328 लोगों को लगा कोरोना का टीका

आसनसोल : देश के विभिन्न राज्यों शहरों सहित पश्चिम ब‌र्द्धमान जिले में भी शनिवार को कुल छह केंद्रों पर कोरोना का टीकाकरण शिविर हुआ। पहले दिन जिले के कुल 328 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगा। जबकि जिला प्रशासन की ओर से प्रत्येक सेंटर में 100 स्वास्थ कर्मियों के टीकाकरण की व्यवस्था की गई थी। आसनसोल के सुकांत पल्ली मैदान स्थित हेल्थ सेंटर में सबसे पहले नगर निगम बोर्ड के सदस्य दिव्येंदु भगत ने पहला टीका लिया। दिव्येंदु का आज जन्मदिन भी था। टीका लेने के बाद वे सामान्य रूप से कुल्टी में दुआरे सरकार शिविर का निरीक्षण करने के लिए भी रवाना हो गए। इस अवसर पर निगम के आयुक्त नितिन सिघानिया, नगर निगम के चेयरपर्सन अमरनाथ चटर्जी, नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दीपक गांगुली उपस्थित थे। चेयरपर्सन अमरनाथ चटर्जी ने कहा कि आज हमलोगों के प्रशासक बोर्ड के सदस्य ने सबसे पहले टीका लेकर कर्मियों का उत्साह बढ़ाया। पश्चिम पश्चिम की उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. केका मुखर्जी ने बताया कि जिला में केवल रानीगंज में शतप्रतिशत 100 स्वास्थ कर्मियों ने टीका लिया। जामुड़िया के बहादुरपुर में 50, सालानपुर में 53, दुर्गापुर में 54 एवं पानागढ़ृ में 51 एवं आसनसोल में सबसे कम 20 स्वास्थ्य कर्मियों ने कोरोना का टीका लिया।

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विधायक व प्रशासकीय बोर्ड के सदस्य को टीका लगने से विवाद

आसनसोल : पूरे देश में कोरोना टीकाकरण शुरू हो गया है। पश्चिम ब‌र्द्धमान जिले में छह केंद्रों से टीकाकरण का काम शुरू हो गया है। इसे लेकर विवाद भी शुरू हो गया है। आसनसोल नगर निगम के प्रशासनिक बोर्ड के सदस्य सह तृणमूल नेता दिव्येंदु भगत के टीका लगवाने से विवाद पैदा हो गया है। पहले चरण में फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सकों को टीका देने का निर्देश था, लेकिन दिव्येंदु भगत जो स्वास्थ्य कर्मी नहीं है, इसके बावजूद टीका लगवाने से विवाद पैदा हुआ है। आसनसोल नगर निगम के प्रशासक बोर्ड चेयरपर्सन अमरनाथ चटर्जी ने भी कहा कि वह स्वास्थ्य कर्मी नहीं हैं। वह एक राजनीतिक व्यक्ति है। लेकिन इससे पहले वह एक सामाजिक व्यक्ति हैं। उनका जन्मदिन भी था, वैक्सीन को लेकर अभी भी लोगों के मन में आशंका है, उनकी आशंकाओं को दूर कर जागरूक करने के लिए उन्होंने टीका लगवाया। वहीं दिव्येंदु भगत ने कहा कि कोरोना के दौरान स्वास्थ्य मेयर परिषद सदस्य रहने के दौरान मैंने भी फ्रंटलाइन में काम किया। मैंने लोगों को जागरूक करने के लिए पहला टीका लिया। इस तरह का विवाद राज्य के अन्य हिस्सों में भी देखने को मिला है। उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार के तृणमूल विधायक सौरव चक्रवर्ती को कोरोना वैक्सीन लगाने वालों की सूची में रखा गया है। इससे हंगामा मच गया। हालांकि उन्होंने कहा है कि वह वर्तमान में वैक्सीन नहीं ले रहे हैं। दूसरी ओर कटवा के तृणमूल कांग्रेस के विधायक रवींद्रनाथ चटर्जी को भी टीका लगाया गया है। जिला स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार कटवा विधायक ने कटवा महकमा अस्पताल में रोगी कल्याण संघ के अध्यक्ष के रूप में टीका लगवाया है। हालांकि विधायक ने इस मुद्दे पर अपना मुंह नहीं खोलना चाहते।


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