बाबुल सुप्रियो के जाने से नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव
जागरण संवाददाता आसनसोल आसनसोल के सांसद बाबुल सुप्रियो द्वारा राजनीति से संन्यास तथा सांसद पद स
जागरण संवाददाता, आसनसोल : आसनसोल के सांसद बाबुल सुप्रियो द्वारा राजनीति से संन्यास तथा सांसद पद से इस्तीफे को लेकर शिल्पांचल के विभिन्न दलों के नेताओं ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। नेताओं का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी से बाबुल सुप्रिया के जाने से आसनसोल शिल्पांचल की राजनीति पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। माकपा नेताओं ने कहा वह लोग बार-बार कहते रहे है कि अगर कोई नई दिल्ली और मुंबई से यहां आकर चुनाव जीतता है, तो वह यहां के लोगों के हित में कुछ नहीं करेगा। वह आज साबित हुआ, क्योंकि वह बीच में ही छोड़कर चले गये। टीएमसी के नेताओं ने कहा कि वास्तव में भाजपा दो बार चुनाव हार चुकी थी, जो जीता वह बालीवुड गायक की छवि थी। भाजपा ने उस छवि का इस्तेमाल किया है।
भाजपा जिलाध्यक्ष और विधायक लखन घोरुई ने कहा कि मैंने सब कुछ छोड़कर दो साल तक कड़ी मेहनत की और आसनसोल लोकसभा क्षेत्र में बाबुल को रिकार्ड दो लाख वोट मिले। स्वाभाविक रूप से, वह आज दुखी हैं, हालांकि, यह उनकी निजी राय और निर्णय है। उन्होंने खुद कहा था कि वह किसी और पार्टी में शामिल नहीं होंगे अपने पुराने पेशे में लौटेंगे। बाकी पार्टी पर निर्भर करेगा। लोगों ने बाबुल सुप्रिया को वोट नहीं, भाजपा के कमल फूल और नरेंद्र मोदी को वोट दिया था। इसलिए मुझे नहीं लगता कि उन्हें पार्टी छोड़ने से किसी भी तरह की परेशानी होगी। राज्य के पूर्व मंत्री और आसनसोल केंद्र से माकपा के पूर्व सांसद वंशगोपाल चौधरी ने कहा कि यह उनका पूरी तरह से व्यक्तिगत निर्णय था। शायद उन्हें टिकट इसलिए दिया गया क्योंकि वह अपनी पार्टी के साथ थे। लेकिन मेरे साथ उनके अच्छे व्यक्तिगत संबंध होते हुए भी एक बात जरूर कहनी चाहिए कि उन्होंने आसनसोल चुनाव जीतने के बाद यहां किसी भी समस्या के बारे में गहराई से नहीं सोचा और न ही उन्हें राजनीतिक रूप से जानकारी थी। क्षेत्र के लिए, हमने देखा है कि दो सबसे बड़ी सरकारी कंपनियों, हिदुस्तान केबल्स और बैन स्टैंडर्ड, को उनके समय में बंद कर दिया गया। उन्होंने हजारों श्रमिकों को बेरोजगार कर दिया गया है। लेकिन हमने केंद्रीय मंत्री के रूप में इसे बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं देखा। वास्तव में, हमने शुरू से ही कहा है कि नई दिल्ली या मुंबई से कोई भी आ सकता है और चुनाव जीत सकता है। लेकिन वह यहां नहीं रहेंगे, यह आज सिद्ध हो गया है। कभी-कभी वह मीडिया में आते थे या टेलीविजन पर, फिर नई दिल्ली और मुंबई लौट जाते थे। तृणमूल के राज्य सचिव वी शिवदासन दासू ने कहा कि बाबुल सुप्रियो ने आसनसोल के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने जो दो चुनाव जीते वह भाजपा के लिए नहीं बल्कि उनके व्यक्तिगत प्रभाव का असर था। चूंकि वह एक जाने-माने गायक हैं, इसलिए उन्होंने अपने व्यक्तित्व का शोषण करके जीत हासिल की। हालांकि ये पूरी तरह से उनकी पार्टी का मामला हैं। लेकिन इस तरह के मझधार में छोड़ जाना, जिन्होंने उन्हें वोट दिया, वह जरूर इस पर एक बार सोचेंगे। कोरोना के समय से ही वह यहां के लोगों से अलग-थलग पड़ गए थे। यह भी लोगों को रास नहीं आया। शायद वह भी समझ गए थे। प्रदेश कांग्रेस के सचिव प्रसेनजीत पुइतंडी ने कहा कि वह निराश है कि उनके मंत्रालय छोड़ते ही सात सितारा संस्कृति, सुरक्षा और अन्य सुविधाएं चली गईं। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से उनके साथ पार्टी का अंदरूनी कलह अलग-अलग समय पर खुलकर सामने आ रहा था। नतीजतन, वह काम करने में सक्षम नहीं हो सकते है। सबसे बड़ी बात वह कभी भी संकट के समय यहां के लोगों के साथ नहीं थे। उनके जाने से कोई परेशानी नहीं होगी।