इस आसन के अभ्यास से आंतों और अग्नाशय के फंक्शन में सुधार किया जा सकता है। इसके साथ ही इससे ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है। पेट की अतिरिक्त चर्बी को भी कम करने में ये आसन बहुत ही असरदार है।
मधुमेह रोगियों को अर्धमत्स्येन्द्रासन भी बेहद फायदेमंद है। इससे पेट के अंगों की अच्छी मसाज हो जाती है साथ ही रीढ़ की हड्डी भी मजबूत होती है। इस आसन से फेफड़ों की सांस लेने की क्षमता भी बढ़ती है।
हाई ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास भी करें। यह आसन भी पेट के सभी अंदरूनी अंगों को एक्टिव करता है। जिससे इंसुलिन उत्पादित करने वाले पैंक्रियाज पर भी असर पड़ता है।
इस आसन से पैंक्रियाज को स्ट्रेंथ मिलती है। इसके साथ ही यह लिवर, स्पलीन, एब्डोमिन और एब्डोमिनल मसल्स को स्ट्रेंथ को भी बढ़ा देता है।
इस आसन को करने से पेट के अंदर के अंगों की मसाज मिलती है और पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है। मंडूकासन पैंक्रियाज को एक्टिव करता है और डायबिटीज को कंट्रोल में रखता है।
कपालभाति प्राणायाम मधुमेह रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह आपके शरीर की तंत्रिकाओं और दिमाग की नसों को मजबूती देता है। शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।