आस्था के महापर्व छठ पूजा की शुरूआत हो चुकी है। लेकिन यमुना का पानी अभी भी गंदा है।
यमुना में फैली झाग की मोटी चादर दूर-दूर तक दिखाई दे रही है। साथ ही छठ व्रतधारी के लिए मुसीबत बन गई है।
यमुना के पानी में इसी तरह झाग का यह नजारा प्रतिवर्ष होता है। सर्दियां शुरु होने के साथ ही यमुना में झाग बनने का सिलसिला भी शुरू हो जाता है।
यमुना में सबसे अधिक झाग कालिंदी पुंज में जमता है, क्योंकि इस इलाके में नदी पूरी तरह से प्रदूषित होती है।
इसके अतिरिक्त ऑक्सीजनेशन का प्रक्रिया सर्दी शुरू होने के साथ ही कम हो जाती है।
पेड़-पौधों, घरों से निकलने वाले मल के कारण भी यमुना में झाग बनने की समस्या आती है।
छठ व्रतधारियों के लिए यमुना में ज्यादा पानी छोड़ा जाता है, जिसमें अधिक मात्रा में फॉस्फेट होता है।