सनातन धर्म में शनि अमावस्या का विशेष महत्व होता है। इस दिन पूजा करने से जीवन में खुशहाली आती है। आइए जानते हैं कि शनि अमावस्या पर षडग्रही योग कब बन रहा है?
पंचांग के अनुसार, इस महीने अमावस्या तिथि 29 मार्च 2025 को है। शनिवार को पड़ने से यह शनि अमावस्या कहलाएगी।
पंचांग के अनुसार, चैत्र अमावस्या तिथि की शुरुआत 28 मार्च को रात 07 बजकर 55 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर होगा।
इस समय सूर्य, बुध, शुक्र और राहु ग्रह मीन राशि में विराजमान हैं। वहीं, 28 मार्च को मीन राशि में चंद्रमा और 29 मार्च को शनि प्रवेश करेंगे। इससे षडग्रही योग का निर्माण होगा।
शनि अमावस्या पर बुधादित्य, शुक्रादित्य, मालव्य, लक्ष्मी नारायण, समसप्तक व शश योग का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में पूजा करना लाभकारी होता है।
अमावस्या के दिन षडग्रही योग विधि विधान से शनि देव की पूजा करें। ऐसा करने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होने लगती हैं।
शनि अमावस्या पर ॐ शनैश्चराय नमः मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। इसके अलावा, शनि देव के सामने सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
शनि अमावस्या पर काले तिल का दान करना शुभ होता है। इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में तरक्की के योग बनते हैं।
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