सनातन धर्म में चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व होता है। इस दौरान मां दुर्गा की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि चैत्र नवरात्र में किन मंत्रों का जाप करना चाहिए?
पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्र की शुरुआत 30 मार्च 2025 से होगी। वहीं, इसका समापन 06 अप्रैल को होगा। इस दौरान पूजा-पाठ करने से संकट दूर होते हैं।
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट से होगी। वहीं, इसका समापन 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर होगा।
अक्सर लोग पूजा-पाठ करते समय मंत्र का जाप करते हैं। इससे देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं।
नवरात्र में पूजा करते समय मां दुर्गा के देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम् मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
चैत्र नवरात्र में पूजा करते समय या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
चैत्र नवरात्र में ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे मंत्र का जाप करें। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होने लगती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
चैत्र नवरात्र में इन मंत्रों का जाप करने से साधक को करियर में सफलता मिलती है। इसके साथ ही, आने वाली परेशानियां दूर होने लगती हैं।
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