सनातन धर्म में अक्षय तृतीया पर पूजा-पाठ और दान करने का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं कि इस दिन किन शुभ योग में पूजा करना चाहिए?
पंचांग के अनुसार, 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन पूजा-पाठ करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
पंचांग के अनुसार, अक्षय तृतीया तिथि की शुरुआत 29 अप्रैल को शाम 05 बजकर 31 मिनट से होगी। इसका समापन 30 अप्रैल को दोपहर 02 बजकर 12 मिनट पर होगा।
अक्षय तृतीया पर दुर्लभ सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में मां लक्ष्मी की पूजा करना शुभ होता है। ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह योग दिनभर रहेगा।
इस मंगलकारी शोभन योग का भा निर्माण हो रहा है। यह योग दोपहर 12 बजकर 02 मिनट तक रहेगा। इस योग में पूजा करना लाभकारी होगा।
अक्षय तृतीया पर शाम 04 बजकर 18 मिनट से रवि योग का संयोग बन रहा है। यह योग पूरी रात तक रहेगा।
अक्षय तृतीया पर सोना-चांदी जैसी शुभ चीजों की खरीदारी करना चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से धन लाभ होता है।
अक्षय तृतीया पर तुलसी के पौधे की पूजा करते समय घी का दीपक जलाएं। इससे घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
पूजा-पाठ करने का विधि को जानने समेत अध्यात्म से जुड़ी तमाम जानकारियों के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ