हाल में भारत का चंद्रयान-3 तमाम जटिलताओं पर विजय प्राप्त करते हुए सफलतापूर्वक चांद की सतह पर पहुंच गया।
ऐसे में आइए उन महिला वैज्ञानिकों के बारे में जानते हैं, जिन्होंने चंद्रयान-3 को चांद पर सफलतापूर्वक लैंड कराया।
इसरो वैज्ञानिक रितु करिधल चंद्रयान-3 की मिशन डायरेक्टर थी। हालांकि वे पहले मंगल ऑर्बिटर मिशन में डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर रह चुकी है।
लिस्ट में दूसरे नंबर पर अनुराधा टी.के. का नाम आता है। जिन्हें साल 2011 में जियोसिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल 12 के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था।
एन. वलारमथी ने इंडिजनस रडार इमेजिंग सैटेलाइट मिशन के प्रमुख के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
56 वर्षीय मंगला मनी साल 2016 में अंटार्कटिका में इंडियन रिसर्च टीम के 23 मेंबर के ग्रुप में से एक थी।
मौमिता दत्ता ने कोलकाता विश्वविद्यालय से एक्सपेरिमेंट फिजिक्स में एम.टेक किया है। उन्होंने मंगलयान मिशन में एक प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में कार्य किया।
नंदिनी हरिनाथ ने अपने करियर की शुरुआत इसरो के साथ की। उन्होंने इसरो में उप निदेशक की भूमिका निभाई और वह मंगलयान मिशन में पूरी एक्टिव रही।
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