आज हम आपको उन मस्जिदों के बारे में बताएंगे, जहां महिलाएं भी तरावीह की दुआ में शामिल होती है। आइए इसके बारे में जानें।
पटना सिटी के मित्तन घाट स्थित तहखाने वाली मस्जिद मुल्ला मितान पटना में स्थित कई अन्य मस्जिदों से कई मायनों में अलग है।
इसमें सूफी संतों और विद्वानों, मुल्ला मितान और हजरत मखदूम मुनीम पाक की कब्रें हैं। साथ ही पुस्तकों के अपने विशाल संग्रह के लिए भी ये मस्जिद दुनिया भर में लोकप्रिय है।
इसके अलावा 2019 में यह पहली मस्जिद बन गई, जिसने पहली बार महिलाओं को तरावीह की दुआ में शामिल होने का मौका दिया।
शेरशाह सूरी मस्जिद को शेरशाही मस्जिद भी कहा जाता है। इस मस्जिद में अफगान शैली की वास्तुकला देखने को मिलती है।
शेरशाह सूरी ने अपने शासनकाल की याद में 1540-1545 में इस मस्जिद का निर्माण करवाया था। यह पटना सिटी के धवलपुरा के पास पूरब दरवाजे के दक्षिण-पश्चिम कोने पर स्थित है।
दरियापुर मस्जिद, पटना के सबसे व्यस्त इलाके बाकरगंज में स्थित है। रमजान के मौके पर यहां भी अच्छी खासी संख्या में नमाजी पहुंचते हैं।
इन मस्जिदों में महिलाएं भी तरावीह की दुआ में शामिल होती है। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com