सावन महीने में पड़ने वाली गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं कि गणेश चतुर्थी पर चांद क्यों नहीं देखना चाहिए?
पंचांग के अनुसार, सावन महीने में गणेश चतुर्थी का व्रत 08 अगस्त को रखा जाएगा। इस दिन विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
पंचांग के अनुसार, सावन माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 07 अगस्त को रात 10 बजकर 05 मिनट से होगी। वहीं, इसका समापन 09 अगस्त को रात 12 बजकर 36 मिनट पर होगा।
ऐसा कहा जाता है कि एक बार गणेश जी पृथ्वी के परिक्रमा कर रहे थे। इस दौरान सभी देवता नमक कर रहे थे, लेकिन चंद्र देव ने उनके गजानन मुख का मजाक उड़ा दिए। जिसके बाद गणेश जी ने श्राप दे दिया।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, गणेश चतुर्थी के दिन चांद देखने से झूठे आरोपों का सामना करना पड़ सकता है। इससे निर्दोष को भी बदनामी का सामना करना पड़ता है।
अगर आप चांद को देख लेते हैं, तो कृष्ण-कृष्ण नाम का जाप कर लें। इसके अलावा, गणेश जी का स्मारण करके क्षमा मांग लें।
गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा की पूजा करते समय दूर्वा जरूर अर्पित करें। इसके अलावा, मोदक और लड्डू का भोग लगाएं। ऐसा करने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं।
गणेश चतुर्थी पर पूजा करते समय वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरुमे देव सर्वकार्येषु सर्वदा मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे संकट दूर होने लगते हैं।
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