दोपहर के समय मंदिर क्यों नहीं जाना चाहिए?


By Ashish Mishra13, May 2024 01:00 PMjagran.com

पूजा-पाठ करना

अक्सर लोग रोजाना स्नान करने के बाद मंदिर में जाकर पूजा-पाठ करते हैं। आइए जानते हैं कि दोपहर में मंदिर क्यों नहीं जाना चाहिए?

भगवान का आशीर्वाद

मंदिर में जाने से व्यक्ति की सकारात्मकता बढ़ती है। इसके साथ ही भगवान का आशीर्वाद भी मिलता है और मनोकामना पूरी होती है।

दोपहर में मंदिर न जाने का कारण

अक्सर आपने देखा होगा कि दोपहर के समय मंदिर को बंद कर दिया जाता है। इस समय मंदिर में जाना वर्जित होता है।

भगवान निद्रा में होते हैं

दोपहर में भगवान के शयन का समय होता है। इस दौरान भगवान निद्रा में होते हैं। ऐसे में मंदिर में जाने से भगवान की निद्रा में बाधा होने लगती है।

शरीर में आलस

दोपहर के समय हमारे शरीर में आलस आ जाता है। ऐसे में मंदिर जाकर भगवान की पूजा करने में मन नहीं लगता है।

प्रेत और पितरों का समय

ऐसा कहा जाता है कि दोपहर का समय भूत-प्रेत और पितरों का होता है। दोपहर के समय ये अदृश्य शक्तियां भगवान के दर्शन के लिए मंदिर के आसपास रहती हैं।

मंदिर जाने का सही समय

मंदिर जाने के लिए सुबह और शाम का समय सबसे उत्तम माना जाता है। इस समय आपके शरीर में पर्याप्त ऊर्जा भी रहती है और भगवान जागृत अवस्था में रहते हैं।

मंत्र का जाप करना

दोपहर के समय एकांत में बैठकर मंत्र का जाप और ध्यान कर सकते हैं। ऐसा करना शुभ माना जाता है और आपके शरीर में ऊर्जा का संचार भी होता है।

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