अक्सर लोग रोजाना स्नान करने के बाद मंदिर में जाकर पूजा-पाठ करते हैं। आइए जानते हैं कि दोपहर में मंदिर क्यों नहीं जाना चाहिए?
मंदिर में जाने से व्यक्ति की सकारात्मकता बढ़ती है। इसके साथ ही भगवान का आशीर्वाद भी मिलता है और मनोकामना पूरी होती है।
अक्सर आपने देखा होगा कि दोपहर के समय मंदिर को बंद कर दिया जाता है। इस समय मंदिर में जाना वर्जित होता है।
दोपहर में भगवान के शयन का समय होता है। इस दौरान भगवान निद्रा में होते हैं। ऐसे में मंदिर में जाने से भगवान की निद्रा में बाधा होने लगती है।
दोपहर के समय हमारे शरीर में आलस आ जाता है। ऐसे में मंदिर जाकर भगवान की पूजा करने में मन नहीं लगता है।
ऐसा कहा जाता है कि दोपहर का समय भूत-प्रेत और पितरों का होता है। दोपहर के समय ये अदृश्य शक्तियां भगवान के दर्शन के लिए मंदिर के आसपास रहती हैं।
मंदिर जाने के लिए सुबह और शाम का समय सबसे उत्तम माना जाता है। इस समय आपके शरीर में पर्याप्त ऊर्जा भी रहती है और भगवान जागृत अवस्था में रहते हैं।
दोपहर के समय एकांत में बैठकर मंत्र का जाप और ध्यान कर सकते हैं। ऐसा करना शुभ माना जाता है और आपके शरीर में ऊर्जा का संचार भी होता है।
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