आखिर खजूर खाकर ही क्यों खोला जाता है रोजा? जानें


By Farhan Khan15, Mar 2024 08:00 PMjagran.com

रमजान का पाक महीना

रमजान का पाक महीना शुरू हो चुका है। इस्लाम धर्म में इस महीने का एक खास अहमियत है। इसमें लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और उनके नाम का रोजा रखते हैं।

रोजा रखना

इस दौरान रोजेदार केवल सुबह सूर्योदय से पहले और यानी सहरी के समय और सूरज चलने के बाद शाम को ही इफ्तार करते हैं यानी की खाते पीते हैं।

खजूर खाना

दिनभर वह पानी नहीं पीते हैं। पूरे दिन भूखे-प्यासे रहकर अल्लाह की इबादत करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इफ्तार के समय सबसे पहले खजूर खाने के नियम हैं।

दूसरी चीजों का सेवन

अगर कोई रोज खोलना चाहता है तो उसे सबसे पहले खजूर ही खाना होगा। इसके बाद ही दूसरी चीजों का सेवन किया जाता है।

रोजा खोलते समय क्यों खाते हैं खजूर?

ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि आखिर रोजा खोलने के लिए खजूर ही क्यों खाते हैं? आइए इसके धार्मिक महत्व के बारे में जानें।

कहा जाता है सुन्नत

इस्लामी मान्यताओं के मुताबिक, रमजान के पाक दिनों में खजूर खाकर रोजा खोलने को सुन्नत कहा जाता है।

पैगंबर हजरत मोहम्मद

इस्लामी मान्यताओं के मानें तो पैगंबर हजरत मोहम्मद को खजूर बेहद पसंद थे। वह खजूर खाकर ही रोजा खोलते थे।

खजूर ही खाना

ऐसे में जो लोग पैगंबर हजरत मोहम्मद के रास्ते पर चलना चाहते हैं, वह सुन्नत पाने के लिए खजूर खाकर ही रोजा खोलते हैं और फिर अन्य चीजों का सेवन करते हैं।

ऐसे में आप यह जान गए होंगे कि आखिर रोजा खोलने के लिए खजूर ही क्यों खाते हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com