भाई-बहन के अटूट प्यार का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई उपहारस्वरूप भेंट देते हैं।
हर साल यह पर्व सावन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। हालांकि भद्राकाल में राखी बांधने की मनाही होती है।
धार्मिक कथाओं के मुताबिक, भद्रा सूर्यदेव की पुत्री और शनि देव की बहन हैं। भद्रा स्वभाव की क्रोधी मानी जाती हैं।
भद्रा क्रोधी स्वभाव की हैं, इसलिए ब्रह्मा जी ने उनके क्रोध को काबू में लाने के लिए पंचांग के एक अंग विष्टि करण में स्थान दिया।
भद्राकाल में शुभ और मांगलिक कार्यों की मनाही होती है। इसलिए, इस दौरान राखी भी नहीं बांधनी चाहिए। ऐसा करने से अशुभ फल मिलते हैं।
इस बार रक्षाबंधन पर सुबह 6 बजकर 4 मिनट से भद्रा लग रही है और इसका समापन 1 बजकर 32 मिनट पर होगा।
ऐसे में राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से 4 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इसके बाद प्रदोष काल में 6 बजकर 56 मिनट से रात 9 बजकर 8 मिनट तक राखी बांध सकते हैं।
ऊँ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
राखी बांधते समय बहनों को इस मंत्र का जाप करना चाहिए। धर्म और अध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Jagran.Com