शीतला माता को बासी भोजन का भोग क्यों लगाते हैं? जानें


By Farhan Khan05, Mar 2025 06:00 PMjagran.com

शीतला अष्टमी

शीतला अष्टमी को बसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व हर साल चैत्र मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानी होली के आठ दिन बाद मनाया जाता है।

शीतला अष्टमी का व्रत

आमतौर पर मार्च या अप्रैल के महीने में होता है। शीतला अष्टमी का व्रत शनिवार, 22 मार्च 2025 के दिन रखा जाएगा। यह तिथि पूर्ण रूप से मां शीतला की पूजा के लिए समर्पित है।

शीतला माता को क्यों लगाते हैं बासी भोजन का भोग?

आज हम आपको बताएंगे कि शीतला माता को बासी भोजन का भोग क्यों लगाया जाता है? आइए इसके बारे में विस्तार से जानें, ताकि आपको सही जानकारी हो सकें।

शीतला अष्टमी पर बासी खाना खाने की परंपरा

शीतला अष्टमी पर बासी खाना खाने की परंपरा है, जिसे बसौड़ा या बसियौरा भी कहते हैं। यह दिन ठंड के समाप्त होने का प्रतीक है।

बासी खाना प्रसाद के रूप में खाएं

इस दिन शीतला माता को बासी खाने का भोग लगाना चाहिए और खुद भी बासी खाना ही प्रसाद के रूप में खाना चाहिए।

व्रत वाले दिन देवी को खाना अर्पित करें

एक दिन पहले पवित्रता का ध्यान रखते हुए खाना बनाएं और व्रत वाले दिन देवी को यह खाना अर्पित करें। इसके साथ ही खुद भी खाएं।

अष्टमी तिथि की अवधि

चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 22 मार्च को सुबह 04 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 23 मार्च को सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर होगा।

इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com