छठ पूजा का जिक्र आते ही घाटों पर पूजा करती महिलाओं की छवि मन में याद आती है। यह व्रत कठिन व्रतों में से एक माना जाता है।
आमतौर पर महिलाएं लाल सिंदूर लगाती हैं, लेकिन छठ पर्व के दौरान नारंगी रंग का टीका लगाया जाता है। सिंदूर सिर्फ रंग नहीं, बल्कि शक्ति, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।
छठ के शुभ अवसर पर महिलाएं नाक से लेकर मांग तक टीका लगाती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? अगर नहीं, तो आइए जानते हैं इसके पीछे के कारण।
माथे और नाक के बीच का क्षेत्र अजना चक्र यानी तीसरी आंख के पास होता है। सिंदूर लगाने से यह चक्र सक्रिय होता है और मानसिक शक्ति बढ़ती है।
मांग में सिंदूर लगाने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और पति की लंबी उम्र और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
वैदिक और आयुर्वेदिक मान्यताओं के अनुसार, माथे पर हल्का दबाव डालने से तनाव कम होता है और ध्यान केंद्रित करना आसान होता है।
छठ पूजा के दौरान सूर्य देव की उपासना में सिंदूर का उपयोग ऊर्जा के केंद्र को सक्रिय करने और सकारात्मकता लाने का प्रतीक माना जाता है।
सिंदूर न केवल सौभाग्य का प्रतीक है, बल्कि इसे लगाने से महिलाओं को आत्मविश्वास, सुरक्षा और आंतरिक शक्ति का अनुभव होता है।
सिंदूर सिर्फ रिवाज नहीं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। ऐसी ही तमाम खबरों को पढ़ते रहने के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ। All Images Credit: Canva