अगर हम छठ की बात करें, तो यह बिहार के लोगों का मुख्य पर्व है। छठ का पर्व पूरे चार दिन चलता है और इस पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है। इसका मतलब होता है कि नहाओ और खाओ-पियो।
नहाय-खाय का पर्व इस बार 25 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में इससे जुड़े नियम भी बताए गए हैं, जिन्हें फॉलो करना बेहद जरूरी है। नहीं, तो समय खराब होते टाइम नहीं लगता।
आज हम आपको कुछ ऐसे कामों के बारे में बताएंगे, जिन्हें अगर आप नहाय-खाय के दिन करते हैं, तो इससे आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
आपको नहाय खाय वाले दिन आपको सूर्योदय से पहले उतना चाहिए और जब उठ जाए, तो ऐसे में आपको किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। यह काम करने से आपकी मनोकामना पूरी हो सकती है।
घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे, इसके लिए आपको छठ का व्रत शुरू करने से पहले पूरे घर को अच्छी तरह से साफ करें। नहीं, तो नकारात्मक ऊर्जा का वास हो सकता है।
नहाय-खाय के दौरान आपको सात्विक भोजन ही करना करना चाहिए। भूल से भी तामसिक भोजन करना चाहिए। सात्विक भोजन करने से घर में खुशहाली आ सकती है।
नहाय-खाय के दिन बाजार का तला-भुना या अपवित्र माना जाने वाला कोई भी भोजन न करें। इससे व्रत की पवित्रता भंग हो सकती है। आपको इससे बचना चाहिए।
छठ के व्रत के दौरान नमक का काफी अहम रोल होता है। आपको इस दौरान साधारण नमक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। आपको सेंधा नमक का इस्तेमाल करना चाहिए।
इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com