हिंदू धर्म में गंगा जल का विशेष महत्व होता है। इसे किसी भी चीज को पवित्र करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आइए जानते हैं कि मरने के बाद मुंह में गंगा जल क्यों डालते हैं?
व्यक्ति को मृत्यु से पहले कई संकेत दिखाई देते हैं। इस संकेतों के दिखते ही सावधान हो जाना चाहिए। इसके साथ ही, कई उपाय करना चाहिए।
व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके मुंह में गंगा जल डाला जाता है। इसके पीछे कई मान्यताएं हैं। गंगा को भगवान विष्णु के चरण से निकली है।
मरने के बाद मुंह में गंगा जल डालने से आत्मा को यमदूत से परेशानी नहीं होती है। इसके साथ ही, आगे का सफर भी आसान हो जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि मृत्यु के समय मुंह में गंगा जल डालने से आत्मा के निकलने के समय कष्ट कम हो जाता है। इसके अलावा, यमदूत नहीं सताते हैं।
मृत्यु के समय मुंह में जल डालने का उद्देश्य होता है कि शरीर छोड़कर जा रहा व्यक्ति प्यासा नहीं जाए। कई बार लंबी यात्रा पर जा रहे व्यक्ति को भी जल पिलाया जाता है।
मृत्यु के समय मुंह में गंगा जल के साथ तुलसी का पत्ता भी डाला जाता है। ऐसा करने से मरने वाले व्यक्ति को यमराज कष्ट नहीं देते हैं।
मृत्यु के समय व्यक्ति के मुंह में तुलसी का पत्ता डालने से सात्विक भाव जागता है। इससे प्राण त्यागने में भी आसानी होती है।
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