सनातन धर्म में सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। इसके लिए महिलाएं हीरे-मोती, सोने और चांदी के आभूषण धारण करती हैं।
वर्तमान समय में महिलाएं सोने और चांदी के गहने अधिक पहनती हैं। इन आभूषणों से सुहागिन महिलाओं की खूबसूरती और बढ़ जाती है।
आज हम आपको बताएंगे कि आखिर महिलाएं पैरों में सोने की पायल क्यों नहीं पहनती है? आइए इसके बारे में विस्तार से जानें। ताकि आपको भी सही जानकारी हो सकें।
सोना जगत के पालनहार भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी को अति प्रिय है। सोने को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है।
इसके लिए सोने के आभूषण पहनने से घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है। हालांकि, सोने के आभूषण को कमर से नीचे नहीं पहनना चाहिए।
अगर कोई महिला ऐसा करती है, तो धन की देवी मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। जब मां लक्ष्मी नाराज होती हैं, तो घर में धन की कमी होने लगती है।
घर में हमेशा मुसीबत बनी रहती है। लाख चाहकर भी इंसान खुश नहीं रह पाता है। सुख और समृद्धि में भी कमी आने लगती है।
इसके लिए महिलाएं सोने की पायल नहीं पहनती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो महिलाओं को कमर के नीचे स्वर्ण आभूषण नहीं धारण करना चाहिए।
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