आपने अक्सर देखा होगा कि वकील काला और डॉक्टर सफेद कोट पहनते हैं। आइए जानते हैं कि ये लोग इन रंगों के कोट क्यों पहनते हैं?
वकील और डॉक्टरों के कोट के पीछे इतिहास छिपा हुआ है। ये रंग प्रोफेशनल लाइफ में खास अहमियत रखते हैं।
काले रंग को गंभीरता, शक्ति और इज्जत के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। वकील अपनी प्रोफेशनल लाइफ में काले रंग के कोट पहनते हैं।
17वीं सदी में ब्रिटेन के राजा चार्ल्स द्वितीय की मृत्यु के बाद वकीलों और जज ने काले रंग की कोट पहने थे। तभी से यह प्रथा चली आ रही है।
काले रंग को न्याय, निष्पक्षता और संजीदगी से जोड़कर देखा जाता है। जब वकील काले कोट पहनकर अपनी बात रखते हैं, तो यह उनकी ईमानदारी को दर्शाता है।
सफेद रंग को शुद्धता, स्वच्छता और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में सफेद कोट डॉक्टरों की पहचान बन चुका है।
19वीं सदी के मध्य चिकित्सा विज्ञान के विकास के लिए डॉक्टरों ने स्वाच्छता पर ध्यान देने के लिए सफेद कोट पहनना शुरू किया।
सफेद को भरोसा के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। जब मरीज डॉक्टर को इस रंग के कोट में देखता है, तो उसे विश्वास हो जाता है कि उसका सही इलाज होगा।
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