अक्सर लोग स्नान करने के बाद पूजा-पाठ करते हैं। ऐसा करने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होने लगती हैं। आइए जानते हैं कि पूजा करने से अच्छी दिशा कौन-सी होती है?पूजा-पाठ करना अक्सर लोग स्नान करने के बाद पूजा-पाठ करते हैं। ऐसा करने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होने लगती हैं। आइए जानते हैं कि पूजा करने से अच्छी दिशा कौन-सी होती है?
घर में मंदिर बनाते समय वास्तु के नियमों को ध्यान में रखना चाहिए। इसके साथ ही, सही दिशा में बैठकर पूजा करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।
व्यक्ति को पूजा करते समय दिशा का विशेष ध्यान देना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
वास्तु के अनुसार, पूजा घर को ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में रखना बेहद शुभ होता है। यह दिशा पूजा-पाठ के लिए बेहद शुभ माना जाता है।
ज्योतिष के अनुसार, पूजा करते समय पूर्व दिशा की तरफ मुख करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिशा में मुख करने से सूर्य की ऊर्जा का संचार होता है।
मां लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है। उत्तर दिशा में मुख करके मां लक्ष्मी की पूजा करने से ध से जुड़ी समस्या दूर होने लगती है। इस दिशा में मुख करके ही मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में पूजा घर स्थापित करने और पूर्व दिशा में मुख करके पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए पूर्व दिशा में मुख करके पूजा करनी चाहिए। इससे व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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