सनातन धर्म में इस पौधे का विशेष महत्व होता है। भगवान शिव को शमी बेहद प्रिय है। आइए जानते हैं कि शमी के पत्ते को कब नहीं तोड़ना चाहिए?
भगवान भोलेनाथ की पूजा करते समय शमी का पत्ता अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है। इससे शिव जी प्रसन्न होने लगते हैं।
अक्सर लोग हर दिन शमी के पत्ते तोड़ लेते हैं। ऐसा करने से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसे तोड़ते समय दिन का विशेष ध्यान देना चाहिए।
ज्योतिष के अनुसार, सप्ताह में मंगलवार और शनिवार के दिन शमी के पत्ते को तोड़ने से बचना चाहिए। ये दिन देवी-देवताओं से जुड़े होते हैं।
अगर आप मंगलवार या शनिवार के दिन शमी पत्ता तोड़ते हैं, तो शनि दोष के साथ कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
चंद्र या सूर्य ग्रहण के सूतक काल के दौरान शमी की पत्तियों को तोड़ना वर्जित माना जाता है। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
ग्रहण के दौरान शमी पत्ता तोड़ने से आर्थिक स्थिति कमजोर होने लगती है। इसके साथ ही, व्यक्ति की तरक्की भी रुक जाती है।
विशेष त्योहारों जैसे दशहरा और छठ पूजा समेत शुक्ल पक्ष में शमी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए। अगर आप इस दौरान पत्ता तोड़ते हैं, तो नकारात्मक ऊर्जा का सामना करना पड़ सकता है।
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