भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।
इस साल जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनाई जा रही है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की विधि-विधान से पूजा की जाती है और उन्हें प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है।
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 25 अगस्त को रात 3 बजकर 39 मिनट पर होगी और इसका समापन 26 अगस्त की रात 2 बजकर 19 मिनट पर होगा।
इस दिन सुबह जल्दी उठें और मंदिर की सफाई करें। इसके बाद स्नानादि क्रियाओं से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें और पूजा के लिए बैठें।
भगवान श्रीकृष्ण के बालरूप लड्डू गोपाल का अभिषेक पंचामृत से करें। इसके बाद उन्हें सुंदर वस्त्र धारण कराएं।
वस्त्र धारण कराने के बाद लड्डू गोपाल को मोर पंख और बांसुरी से सजाएं। इसके बाद पीले चंदन से तिलक करें।
भगवान श्रीकृष्ण को माखन बहुत प्रिय है। इसलिए, इस दिन उन्हें माखन-मिश्री का भोग लगाना चाहिए। इसके अलावा फल, पंचामृत, पंजीरी आदि भी अर्पित करें।
पूजा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप करें। इससे श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है और शुभ फल प्राप्त होते हैं।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा। ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Jagran.Com