इस दौरान को प्रसन्न करने के लिए पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि सर्व पितृ अमावस्या कब है?
अगर पितरों के मृत्यु की तिथि न मालूम हो तो इस दिन श्राद्ध करना चाहिए। वहीं, इस दिन पितरों की विदाई भी की जाती है।
इस साल सर्व पितृ अमावस्या 14 अक्टूबर को है। इस दिन श्राद्ध करने से पितर प्रसन्न होते हैं और परिवार के सदस्यों को उनका आशीर्वाद मिलता है।
सर्व पितृ अमावस्या तिथि 13 अक्टूबर को रात 09 बजकर 50 मिनट से शुरू होकर 14 अक्टूबर को रात 11 बजकर 24 मिनट तक रहेगी।
14 अक्टूबर को श्राद्ध का समय सुबह 11 बजकर 44 मिनट से शुरू होगा। जो दोपहर 03 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।
पर्व पितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध करने से पितर प्रसन्न होते है. इसके अलावा पितरों को मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।
पितृ पक्ष में दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दौरान ब्राह्मण या जरूरतमंद लोगों को अनाज और वस्त्र दान करना चाहिए।
पितृ पक्ष में कुछ चीजों को खरीदना वर्जित होता है। इस दौरान झाड़ू, नमक और सरसों का तेल खरीदने से बचना चाहिए।
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