सनातन धर्म में प्रदोष व्रत के दिन पूजा-पाठ करने का विधान होता है। आइए जानते हैं कि प्रदोष व्रत पर शिव जी को क्या चढ़ाने से कार्य में सफलता मिलती है।
पंचांग के अनुसार, आश्विन माह में प्रदोष व्रत 15 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होने लगती हैं।
पंचांग के अनुसार, आश्विन मास में त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 15 अक्टूबर को रात 03 बजकर 42 मिनट से होगी। वहीं, इसका समापन 16 अक्टूबर को रात 12 बजकर 19 मिनट पर होगा।
प्रदोष व्रत के दौरान शिव जी की पूजा करते समय घी, शहद, दही और गंगाजल अर्पित करना चाहिए। इन चीजों को चढ़ाने से शिव जी प्रसन्न होते हैं।
भगवान शिव की पूजा करते समय धतूर का फूल और बेलपत्र अर्पित करना चाहिए। इसे अर्पित करने से रुके हुए कार्य होने लगते हैं और जीवन में खुशहाली आती है।
प्रदोष व्रत पर पूजा करते समय शिवलिंग पर गेंहू और चावल अर्पित करना शुभ होता है। इससे जीवन में आने वाले संकट दूर होने लगते हैं।
प्रदोष व्रत पर शिव जी की पूजा करते समय सूजी के हलवे का भोग लगाना चाहिए। इससे शिव जी प्रसन्न होते हैं और साधक को आशीर्वाद देते हैं।
प्रदोष व्रत पर शिव जी को ये चीजें अर्पित करने से कार्य में सफलता मिलती है। इसके साथ ही, पहले से रुके हुए काम भी होने लगते हैं।
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