किसी भी देवी-देवता की पूजा में हम दीपक जलाते हैं और पूजा के आखिरी में भगवान की आरती की जाती है।
इस दौरान रुई की बत्ती को घी में डुबोया जाता है। जब घी खत्म हो जाता है, तो बत्ती बुझ जाती है।
अधिकांश लोग बाद में इस बत्ती निकालकर फेंक देते हैं। लेकिन शास्त्रों में जली हुई बत्ती का भी महत्व है।
आज हम आपको बताएंगे कि पूजा के बाद दीपक की बची हुई बत्ती का क्या करना चाहिए? आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
10 दिनों तक दीपक की जली हुई बत्ती इकट्ठा करें। 11वें दिन एक दीपक में कपूर के साथ चार लौंग मिलाकर इन बत्ती को जलाएं।
इससे निकलने वाला धुआं पूरे घर को दिखाना चाहिए, इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आएगी।
जली हुई बत्ती बच्चों की नजर उतारने के भी काम आ सकती है। इसके लिए शरीर के सामने से सात बार उतार कर बत्ती को किसी भी पेड़ की जड़ पर डाल दें।
इससे बच्चे की नजर भाग जाएगी है। अगर राख ज्यादा हो जाए, तो उसे किसी भी पेड़ की जड़ों में डालने से भी शुभ होता है।
दीपक की जली हुई बत्ती से जुड़े ये उपाय आप कर सकते हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com