सनातन धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं कि वैशाख अमावस्या पर कौन से उपाय कनने से कुंडली में पितृ दोष दूर होते हैं?
पंचांग के अनुसार, अप्रैल के महीने में 27 अप्रैल को वैशाख अमावस्या है। इस दिन पूजा-पाठ करने से जीवन में सुख-शांति और कुंडली में दोष दूर होने लगते हैं।
पंचांग के अनुसार, वैशाख अमावस्या की शुरुआत 27 अप्रैल को सुबह 04 बजकर 49 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 28 अप्रैल को देर रात 01 बजे होगा।
वैशाख अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान करें। अगर न जा सकें, तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद पितरों को जल का अर्घ्य दें।
वैशाख अमावस्या पर पिंडदान करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और परिवार में आने वाली परेशानियां दूर होने लगती हैं।
अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना शुभ माना जाता है। इस दौरान पेड़ पर जल अर्पित करके दीपक जलाएं। इसके बाद पीपल के पेड़ की 7 बार परिक्रमा करें।
वैशाख अमावस्या पर गरीब और जरूरतमंद लोगों को धन, अन्न और कपड़े आदि चीजों का दान करना चाहिए। इससे जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।
वैशाख अमावस्या पर इन कामों को करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही, पहले से रुके हुए कार्य होने लगते हैं।
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