अमावस्या तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है, यह तिथि हर महीने में एक बार पड़ती है। अमावस्या का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है।
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। अमावस्या के दिन नदियों में स्नान का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है।
इस साल पौष महीने की अमावस्या 11 जनवरी को पड़ रही है, यह अमावस्या साल की पहली अमावस्या है। इसका शुभ महुर्त 10 जनवरी की रात 8 बजकर 10 मिनट से शुरु होकर अगले दिन 11 जनवरी को शाम 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगा।
इस दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रियाओं से मुक्त होकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें, यदि ऐसा संभव न हो तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
नहाने के उपरांत सूर्यदेव को अर्घ्य दें और अगर उपवास रख रहे हैं तो उपवास करें। अमावस्या के दिन पितरों के लिए तर्पण और दान अवश्य करें।
पौष माह की अमावस्या का विशेष महत्व है, इस दिन पुण्य काम करने से कई गुना अधिक फल मिलता है। इस दिन पितरों का तर्पण करने से उनका आशीर्वाद मिलता है।
अमावस्या के दिन सफेद चीजों का दान करना चाहिए, इसके लिए आटा, चावल, दूध,दही का दान कर सकते हैं। ऐसा करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
अमावस्या के दिन जरूरतमंद लोगों को दान करना चाहिए, इसके साथ ही गरीब लोगों को भोजन कराना चाहिए, इससे विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है।
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