पितृ पक्ष के अंतिम दिन को सर्वपितृ अमावस्या कहते हैं। पितृपक्ष में कई काम नहीं करने चाहिए और कई काम है जिससे पितृ प्रसन्न होते हैं।
इस स्टोरी के जरिए हम आपको बताएंगे कि, इस दिन किन चीजों को करने से बचना चाहिए और क्या-क्या करना चाहिए, जिससे पित्र प्रसन्न रहे।
पितृ पक्ष का अंतिम दिन सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस दिन सुबह जल्द उठ कर किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए और सूर्य को जल अर्पण करना चाहिए।
अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान करें। 2024 में श्राद्ध का आखिरी दिन 2 अक्टूबर को है।
इस दिन स्टील के लोटे में, दूध, पानी, काले तिल, शहद और जौ और कोई भी सफेद मिठाई, एक नारियल, कुछ सिक्के और एक जनेऊ लेकर पीपल वृक्ष के नीचे जाकर सर्व प्रथम लोटे की समस्त सामग्री पीपल की जड़ में अर्पित कर दें।
पितृपक्ष के समय दान करना अच्छा माना जाता है। आप किसी जरूरतमंद को उसकी जरूरत के अनुसार दान कर सकते हैं या फिर गरीब ब्राह्मण को दान दें।
पितृपक्ष के दौरान किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए और न ही मांस का सेवन करना चाहिए।
इसके साथ ही बाल नहीं कटवाना चाहिए और ही तेल की मालिश करना चाहिए। इसके अलावा घर के बड़े-बुजुर्गों की भी निंदा नहीं करना चाहिए।
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