आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी होती है। इस दिन से जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु जी क्षीर सागर में निद्रा अवस्था में चले जाते हैं।
इस साल चातुर्मास का आरंभ 17 जुलाई से हो रहा है। इन चार महीनों में सृष्टि का संचालन भगवान शिव जी करते हैं। इस दौरान शादी, मुंडन, गृह-प्रवेश आदि शुभ कार्यों की मनाही होती है।
वहीं, कुछ और काम भी बताए गए हैं, जिन्हें करने की मनाही है। चातुर्मास में ये काम करने से विष्णु जी नाराज होते हैं।
चातुर्मास के दौरान तामसिक भोजन करने की मनाही होती है। ऐसे में इस दौरान मांस,मदिरा, लहसुन, प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए।
इस दौरान कोई नई प्रॉपर्टी भी नहीं खरीदनी चाहिए। इसके साथ ही इस दौरान ग्रह-प्रवेश भी नहीं किया जाता है।
चातुर्मास में किसी पर भी गुस्सा नहीं करना चाहिए और न ही किसी का अपमान करें। इसके अलावा झूठ भी नहीं बोलना चाहिए।
वहीं, अगर नया बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो चातुर्मास में बिजनेस न खोलें। ऐसा करने से बिजनेस में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
चातुर्मास में भगवान विष्णु और शिव जी की पूजा करें। ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और कार्यों में सफलता मिलती है।
चातुर्मास के दौरान इन कार्यों की मनाही होती है। धर्म और अध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Jagran.Com