4 अप्रैल को विश्व गाजर दिवस मनाया जाता है, इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को गाजर के फायदों से जागरूक करना है।
इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2003 में हुई थी, गाजर में कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, इसलिए इस दिन गाजर से मिलने वाले फायदों के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है।
सबसे पहले विश्व गाजर दिवस फ्रांस और स्वीडन में मनाया गया था, धीरे-धीरे इसे अन्य देशों में भी मान्यता मिली और मनाया जाने लगा।
गाजर कई रंगों में आती है, इसे लाल, पीली, काली और संतरे के रंग में पाया जाता है। कहीं-कहीं पर सफेद और बैंगनी गाजर भी पाई जाती है।
गाजर में पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम,फास्फोरस, विटामिन-ए और बीटा कैरोटिन पाया जाता है। इसके अलावा इसमें विटामि-सी, विटामिन-के भी पाया जाता है।
गाजर का इस्तेमाल कई तरीके से किया जाता है, इसे सब्जी में इस्तेमाल किया जाता है तो वहीं कुछ लोग सलाद के रूप में गाजर को खाना पसंद करते हैं।
गाजर का हलवा बहुत स्वादिष्ट और फायदेमंद होता है, इसके सेवन से शरीर को कई लाभ मिलते हैं और बीमारियों से बचाव होता है। गाजर का जूस भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
गाजर की खेती सबसे पहले एशिया में ही शुरू हुई थी और उसके बाद दुनिया के अन्य हिस्सों तक इसकी पहुंच हुई और इसे दुनियाभर में उगाया जाने लगा।
विश्व गाजर दिवस के माध्यम से लोगों को गाजर से होने वाले फायदों के बारे में जागरूक किया जाता है, लाइफस्टाइल और हेल्थ से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Jagran.Com