वास्तु शास्त्र का हमारे जीवन में विशेष महत्व है, इसमें कुछ नियमों के बारे में बताया गया है। इन नियमों को मानने से सुख-समृद्धि आती है और सकारात्मकता आती है।
वहीं इन नियमों को न मानने से वास्तु दोष उत्पन्न होता है और नेगेटिविटी का संचार होता है। वास्तु में पानी से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना चाहिए।
वहीं दक्षिण-पूर्व दिशा में पानी की टंकी नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि यह दिशा अग्नि की मानी जाती है। ऐसे में इस दिशा में पानी की टंकी रखने से वास्तु दोष उत्पन्न होता है।
इसके साथ ही दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम में भी पानी नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से आर्थिक रूप से समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
वहीं पानी के लिए सबसे उपयुक्त दिशा ईशान कोण मानी गई है, इस दिशा में पानी रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। घर की बोरिंग भी इसी दिशा में करानी चाहिए।
वहीं कभी भी टपकता हुआ नल नहीं छोड़ना चाहिए। इसकी वजह से पानी की बर्बादी होती है और वास्तु दोष भी उत्पन्न होता है। इस कारण से धन हानि का सामना भी करना पड़ता है।
वहीं अगर घर का कोई पाइप या नल लीक कर रहा है तो तुरंत इसे सही कराएं। इसकी वजह से भी कई समस्याएं हो सकती हैं।
वहीं पानी से भरे बर्तनों को पूर्व और उत्तर दिशा में रखना चाहिए, ये दिशाएं इसके लिए शुभ मानी गई हैं। पानी को सही दिशा में रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
वास्तु में बताए गए पानी संबंधी नियमों का पालन करने से धन संबंधी परेशानियां नहीं होती हैं, वास्तु से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें JAGRAN.COM