गंगा नदी को पूजनीय माना गया है। किसी भी शुभ अवसर पर लोग गंगा स्नान करते हैं। ऐसी मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
वहीं, कुछ लोग शुभ अवसर, त्योहार और पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करते हैं। जो लोग गंगा नहीं जा पाते हैं, वे लोग घर में गंगाजल रखते हैं।
घर में गंगाजल रखने से नेगेटिविटी दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके साथ ही घर में खुशहाली आती है।
घर में गंगाजल रखने से और नहाने के पानी में इसे मिलाकर स्नान करने से कार्यों में सफलता मिलती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
इसे रखने के नियम भी हैं। इसे हमेशा तांबे या कांसे के बर्तन में रखना चाहिए। इसे प्लास्टिक की बोतल में नहीं रखना चाहिए।
हालांकि, इसे घर में रखते समय यह ध्यान रखें कि इसे रखने का स्थान साफ-सुथरा हो। इसे गंदे स्थान पर नहीं रखना चाहिए।
गंगाजल रखने का सबसे पवित्र स्थान मंदिर है। पूजा करते समय इस गंगाजल का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं, अगर थोड़ी मात्रा में ही गंगाजल है तो इसे पूजा के जल में मिलाकर पूजा कर सकते हैं।
गंगाजल को कभी भी बिना नहाए स्पर्श नहीं करना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। इसके साथ ही जूते-चप्पल पहनकर भी इसे नहीं छूना चाहिए।
घर में गंगाजल रखने से नेगेटिविटी दूर होती है। धर्म और अध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Jagran.Com