अक्सर लोग रोजाना स्नान करने के बाद पूजा-पाठ करते हैं। इस दौरान दीपक जलाते हैं। आइए जानते हैं कि दीपक की लौ में त्रिशूल बनने से क्या होता है?
वास्तु के अनुसार, पूजा करते समय दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। इस दौरान दीपक मे तरह-तरह की लौ बनती हैं।
कई बार दीपक जलाने के बाद उसकी लौ में त्रिशूल की आकृति बन जाती है। यह एक शुभ संकेत होता है। इसका मतलब आपके जीवन में खुशियां आने वाली हैं।
त्रिशूल भगवान शिव का शस्त्र होता है। दीपक की लौ में त्रिशूल बनना शिव जी के प्रसन्न होने का संकेत हो सकता है। इसका मतलब आपको शिव जी की कृपा प्राप्त होगी।
पूजा करते समय दीपक की लौ में त्रिशूल बनाना तरक्की का संकेत होता है। इसका मतलब आपको कार्य में जल्द सफलता मिलने वाली है।
पूजा करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। इस दौरान दीपक की लौ में त्रिशूल बनना शुभ होता है। यह जीवन में आने वाले संकट के दूर होने का संकेत हो सकता है।
घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए दीपक जलाना चाहिए। इस दौरान दीपक में त्रिशूल बनने का मतलब घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होने वाली है।
दीपक की लौ में त्रिशूल बनना परिवार में सुख-समृद्धि के आगमन का संकेत हो सकता है। इसके मतलब परिवार के सदस्यों के बीच रिश्ते मजबूत होने वाले हैं।
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