विटामिन डी एक फैट-सॉल्युबल विटामिन है, जिससे बॉडी में कैल्शियम को एब्जॉर्ब और रिटेन करने में मदद मिलती है।
मजबूत हड्डियां हों या शरीर का मैसेजिंग सिस्टम, दोनों ही मामलों में इसकी ओवरडोज से लेने के देने पड़ सकते है। ऐसे में आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
विटामिन डी की ज्यादा मात्रा से बोन डेंसिटी को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में आपको फ्रैक्चर या ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है।
इसकी ओवरडोज होने पर हड्डियां कमजोर और खोखली होने लगती हैं, जिस कारण छोटी सी चोट या हल्के से दबाव से भी इनके टूटने का डर रहता है।
इसकी ओवरडोज से इम्यूनिटी भी कमजोर हो जाती है क्योंकि आपका खाया-पिया पचता नहीं है और उल्टी के रास्ते बाहर आ जाता है।
ऐसे में, ज्यादा मतली को इग्नोर न करके आपको फौरन डॉक्टर का रुख कर लेना चाहिए।
बॉडी में ज्यादा विटामिन डी होने पर हाइपरविटामिनोसिस डी की समस्या भी खड़ी हो सकती है। भले ही, यह रेयर केसेज में होता है, लेकिन फिर भी इसे नजरअंदाज करना सही नहीं है।
इस स्थिति में खून के अंदर कैल्शियम इकट्ठा होने लगता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियां आपको जकड़ सकती हैं और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन भी प्रभावित हो सकता है।
ऐसे में अगर आप भी विटामिन डी अधिक ले रहे हैं तो इसे लेने से बचें। लाइफस्टाइल से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com