सनातन धर्म में सावन माह का विशेष महत्व होता है। इस माह में खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। आइए जानते हैं कि इस दौरान लहसुन-प्याज खाने से क्या होता है?
पवित्र माह में खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। गलत चीजें खाने से व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
समुद्र मंथन के समय अमृत निकला था। इसे देवताओं को पीने के लिए दिया जा रहा था, तभी राक्षसों ने अमृत पीने के लिए आ गए। इस दौरान राक्षसों का सिर कटने से निकले खून और अमृत से लहसुन-प्याज की उत्पत्ति हुई।
यह दोनों तामसिक भोजन की श्रेणी में आता है। सावन महीने में लहसुन-प्याज खाना वर्जित माना जाता है। इसे खाने से शिव जी नाराज होने लगते हैं।
सावन महीने में लहसुन-प्याज का सेवन करने से खून का प्रवाह कम और ज्यादा होने लगता है। जिसकी वजह से व्यक्ति को गुस्सा या अहंकार का सामना करना पड़ सकता है।
सावन के महीने में लहसुन-प्याज खाना वर्जित माना जाता है। इसे खाने से शिव जी नाराज होने लगते हैं और व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।।
सावन माह में सात्विक भोजन जैसे दूध, घी, आटा, सब्जियां और फल आदि का सेवन करना चाहिए। इससे व्यक्ति का मन शांत रहता है।
इस माह में शिव जी की कृपा पाने के लिए कच्चे दूध से अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी होने लगती हैं।
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