सनातन धर्म में चातुर्मास का विशेष महत्व होता है। इस दौरान भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं। आइए जानते हैं कि इस माह में किन मंत्रों का जाप करना चाहिए?
पंचांग के अनुसार, इस बार चातुर्मास की शुरुआत 17 जुलाई 2024 से होगी। वहीं, इसका समापन 12 नवंबर 2024 को होगा।
चातुर्मास में मांगलिक कार्यों जैसे विवाह, सगाई और गृह प्रवेश आदि नहीं करने चाहिए। इन कार्यों को करना अशुभ माना जाता है।
जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
चातुर्मास में पूजा करते समय भगवान विष्णु के ॐ नमोः नारायणाय मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे जीवन में आने वाली समस्याएं दूर होती हैं।
चातुर्मास में ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि मंत्र का जाप करना बेहद शुभ होता है। इस मंत्र का जाप करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
चातुर्मास में भगवान विष्णु के पंचरूप मंत्र ॐ अं वासुदेवाय नम:, ॐ आं संकर्षणाय नम:, ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:, ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:, ॐ नारायणाय नम: का जाप करना चाहिए।
चातुर्मास में इन मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति बेहतर होने लगती है। इसके साथ ही, कार्य में भी सफलता मिलती है।
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