सनातन धर्म में सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व होता है। इस दौरान व्यक्ति को कई बातों को ध्यान में रखना चाहिए। आइए जानते हैं कि ग्रहण के दौरान खाने से क्या होता है?
पंचांग के अनुसार, साल का अंतिम सूर्य ग्रहण आश्विन माह की अमावस्या यानी 02 अक्टूबर 2024 को लगने वाला है। इस दौरान स्नान-दान करने का विधान होता है।
पंचांग के अनुसार, 02 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण रात 9 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर देर रात 3 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। इसी दिन पितृ पक्ष का समापन भी होगा।
मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के समय खाने-पीने की मनाही होती है। ऐसा कहा जाता है कि ग्रहण के समय खाने से पुण्य नष्ट होने लगते हैं।
ग्रहण के समय खाना पकाने से भी बचना चाहिए। इस दौरान खाना बनाने से उसमें नकारात्मकता का प्रवेश होने लगता है। इस भोजन को करने से बचना चाहिए।
ग्रहण के समय खाना बनाने से वह दूषित होने लगता है। इसे खाने से आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही, भोजन करने से भी बचना चाहिए।
ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को बाहर जाने से बचना चाहिए। इससे महिलाओं को नकारात्मक ऊर्जा का सामना करना पड़ता है।
सूर्य ग्रहण के समय ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे नकारात्मक प्रभाव कम होने लगता है।
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