कांवड़ यात्रा में 'बोल बम बम भोले' बोलने से क्या होता है?


By Ashish Mishra26, Jul 2024 01:10 PMjagran.com

कांवड़ यात्रा

हर साल सावन माह में कांवड़ यात्रा की शुरुआत होती है। आइए जानते हैं कि इस यात्रा के दौरान बोल बम बम भोले बोलने से क्या होता है?

कांवड़ यात्रा का समापन

पंचांग के अनुसार, इस बार 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा की शुरुआत हुई। वहीं, इसका समापन 02 अगस्त यानी शिवरात्रि के दिन होगा।

शिव जी का अभिषेक

सावन महीने में शिव जी का अभिषेक करना बेहद शुभ माना जाता है। इसके लिए कांवड़िए केसरिया रंग के वस्त्र पहनकर गंगा नदी से जल लाते हैं।

यात्रा को मंगलमय बनाना

कांवड़ यात्रा को दौरान बोल बम बम भोले वातावरण शिवमय हो जाता है। इससे भक्तों को किसी कष्ट का सामना नहीं करना पड़ता है और यात्रा भी मंगलमय हो जाती है।

नई ऊर्जा की प्राप्ति

बम शब्द ब्रह्मा, विष्णु, महेश और ओमकार का प्रतीक माना जाता है। यात्रा के दौरान बोल बम बम भोले बोलने से नई ऊर्जा की प्राप्ति होती है।

कांवड़ को जमीन पर न रखें

कांवड़ यात्रा के दौरान इस बात का ध्यान देना चाहिए कि कांवड़ को जीवन पर न रखें। इसे हमेशा ऊंचे स्थान या स्टैंड पर रखना चाहिए।

बिना स्नान किए न छूएं

कांवड़ को स्नान करने के बाद ही छूना चाहिए। इसे बिना स्नान किए छूना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से शिव जी नाराज हो सकते हैं।

इन चीजों का सेवन न करें

सावन कांवड़ यात्रा के दौरान तामसिक चीजों जैसे मांस-मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दौरान सात्विक चीजों को ही खाना चाहिए।

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