सावन माह में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान से पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि इस दौरान कुशा के जल से अभिषेक करने से क्या होता है?
जीवन में आने वाले संकट को दूर करने के लिए शिव जी का अभिषेक करना चाहिए। इससे भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और साधक को आशीर्वाद देते हैं।
शिव जी का अभिषेक करते समय शिवलिंग पर कुशा जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से साधक को कई फायदे होते हैं।
अगर आप किसी तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं, तो कुशा के जल से अभिषेक करें। इससे सभी संकट दूर होने लगते हैं और जीवन में खुशहाली आती है।
किसी बीमारी का सामना कर रहे लोगों को कुशा के जल से शिव जी का अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है।
अगर आपको कठिन परिश्रम के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है, तो कुशा के जल से अभिषेक करें। इससे व्यक्ति जीवन में सफल होता है और रुके हुए काम भी होने लगते हैं।
अभिषेक करते समय शिवलिंग पर कच्चा दूध, गंगाजल, गन्ने का रस, बेलपत्र, शहद,आक के फूल, भांग और धतूरा अर्पित करना चाहिए। इससे शिव जी प्रसन्न होते हैं।
शिवलिंग पर इन चीजों को अर्पित करते समय ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
सावन में पूजा-पाठ करने के विधि को जानने समेत अध्यात्म से जुड़ी तमाम जानकारियों के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ