सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व होता है। इस दौरान पितरों की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि पितृ पक्ष में मरने से क्या होता है?
पितृ पक्ष में धरती पर पितरों का आगमन होता है। ऐसे में उन्हें प्रसन्न करने के पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है। ऐसा करने से जीवन में आने वाली परेशानी दूर होने लगती है।
ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष में मृत्यु होने पर व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद मिलता है। वहीं, इसके पीछे कई अन्य मान्यताएं हैं।
पितृ पक्ष में मरने वाले लोगों को स्वर्ग में स्थान मिलता है। इन लोगों की आत्मा नहीं भटकती है। इस दौरान मरने वाले लोगों की श्राद्ध करना जरूरी होता है।
पितृ पक्ष में मरने वाले व्यक्ति की आत्मा को शांति मिलती है। इन लोगों को जीवन-मरण के चक्र से छुटकारा मिलता है।
ऐसा कहा जाता है कि जिन लोगों पर पितरों का आशीर्वाद होता है, उनकी ही मृत्यु पितृ पक्ष में होती है। ऐसे लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पितृ पक्ष में श्राद्ध करने के पिरवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इसके साथ ही, पितरों की विशेष कृपा होती है और व्यक्ति जीवन में तरक्की करता है।
पितृ पक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए सफेद मिठाई, दही और चीनी आदि का दान कर सकते हैं। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और साधक को आशीर्वाद देते हैं।
पितृ पक्ष में पूजा-पाठ करने के बारे में जानने समेत अध्यात्म से जुड़ी तमाम जानकारियों के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ