वेद पुराण और धर्म ग्रंथ के अनुसार मनुष्य के मरने के बाद और देह जलने के बाद भी उसकी कुछ चीजें हमेशा आत्मा के साथ लीन रहती है।
इसके बाद जब भी वह आत्मा किसी दूसरे शरीर में प्रवेश करती है तो उसमें आत्मा के साथ ये चीजें भी प्रवेश कर लेती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर कौन सी वो चीजें है।
मृत्यु करीब आने पर सब चीजों की इच्छा त्याग करके ब्रह्म का ध्यान करना चाहिए। क्योंकि मृत्यु के समय मनुष्य जिन-जिन चीजों को सोचता है, वह कामना उसके साथ चली जाती है।
गीता में कहा गया है कि मनुष्य हर पल कर्म करता है और अंत में वे सभी कर्म इकट्ठा होकर मानव को लोक परलोक जाने का फैसला करते हैं।
महाभारत में जब बाणों की शैय्या पर लेटे हुए भीष्म ने जब श्रीकृष्ण से पूछा कि मुझे ऐसी मृत्यु क्यों प्राप्त हुई?
तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें 7 जन्म पहले की घटना याद दिलाई, जिसमें भीष्म ने एक अधमरे सांप को उठाकर नागफनी के कांटों पर फेंक दिया था।
गरुड़ पुराण में लिखा गया है कि अगर कोई व्यक्ति कर्ज लेकर मरता है तो उसे परलोक में अपने कर्ज का हिसाब देना पड़ता है।
जो व्यक्ति कर्ज लेता है उसे धन वापस करने धरती पर पुनः जन्म लेना ही पड़ता है और उसे किसी ना किसी रूप में चुकाना पड़ता है।
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि जिस प्रकार व्यक्ति के बुरे कर्मों का लेखा जोखा भगवान के पास होता है उसी तरह अच्छे कर्म यानी पुण्य का लेखा-जोखा भी होता है।